भागवत गीता
जो हुआ वह अच्छा हुआ
जो हो रहा वह अच्छा हो रहा है
जो होगा वह भी अच्छा ही होगा
तुम भुत का पश्चाताप न करो !
भविष्य की चिंता न करो !
वर्त्तमान चल रहा है !
तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो ?
तुम क्या लाये थे जो तुमने खो दिया ?
तुमने क्या पैदा किया था जो नाश हो गया ?
न तुम कुछ लेकर आये जो लिया यही से लिया !
जो दिया यही पर दिया जो लिया इसी (भगवान ) से लिया
जो दिया, इसी को दिया !
खाली हाथ आए, खाली हाथ चले !
जो आज तुम्हारा है,
कल किसी आवर का था,
परसों किसी आवुर का होगा !
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